" ये मोह मोह के धागे..
तेरी उंग्लीयो से जा उल्झे.."
" सा रे ग ग ग ग म' रे सा नी..
नी रे प रे ग रे सा नी सा सा.. "
काय कमाल गाणं आहे राव..!
अन्नु मलिक काकांनी ब-याच काळानंतर इतकं छान गाणं केलय..!
है रोम रोम इक तारा..
जो बादलों मेंसे गुजरे..!
" प म' ग ग म' म' प प 'ध 'ध
नी नी 'ध 'ध नी 'ध 'रे नी 'ध प म' ग म' ग..!"
खल्लास...!
इथे मलिक काका'ना
"चलती है क्या नौ से बारा" नी तत्सम गोष्टी माफ होतात..!
ह्याला ' सुर-संगत ' म्हणतात..!
ह्या संगतीत स्साला, कोणी पण काही पण करुन जातो..!
पुर्ण गाणं येथे ऐका :
https://m.youtube.com/watch?v=JbDktrsnH40
तेरी उंग्लीयो से जा उल्झे.."
" सा रे ग ग ग ग म' रे सा नी..
नी रे प रे ग रे सा नी सा सा.. "
काय कमाल गाणं आहे राव..!
अन्नु मलिक काकांनी ब-याच काळानंतर इतकं छान गाणं केलय..!
है रोम रोम इक तारा..
जो बादलों मेंसे गुजरे..!
" प म' ग ग म' म' प प 'ध 'ध
नी नी 'ध 'ध नी 'ध 'रे नी 'ध प म' ग म' ग..!"
खल्लास...!
इथे मलिक काका'ना
"चलती है क्या नौ से बारा" नी तत्सम गोष्टी माफ होतात..!
ह्याला ' सुर-संगत ' म्हणतात..!
ह्या संगतीत स्साला, कोणी पण काही पण करुन जातो..!
पुर्ण गाणं येथे ऐका :
https://m.youtube.com/watch?v=JbDktrsnH40
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